कृषि सम्बन्धि शब्द संस्कृत मेंकृषि सम्बन्धि शब्द संस्कृत में

कृषि सम्बन्धि शब्द संस्कृत में :- संस्कृत भाषा हमारे देश का गौरव ही नहीं अपितु ज्ञान-विज्ञान की जननी भी है। यह भाषा विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा है। संस्कृत भाषा को पढ़ने, समझने और जानने की रुचि भारत में ही नहीं विदेशों में भी बढ़ रही है। 

यह भी पढ़े- संस्कृत सीखें पाठ-20 | आभूषणों के नाम संस्कृत में

भारत के साथ-साथ इंग्लैंड, जर्मनी, इटली इत्यादि बड़े-बड़े देशों में भी संस्कृत के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। आज हम पाठ-21 में कृषि सम्बन्धि शब्द संस्कृत में पढ़ेगें। इनका प्रयोग नित्य वाक् व्यवहार में करने से संस्कृत पढ़ने में सरलता आयेगी।

उपदेशात्मक संस्कृत श्लोक

मूर्खस्य पञ्च चिह्नानि गर्वो दुर्वचनं तथा।
क्रोधश्च दृढवादश्च परवाक्येष्वनादरः।।

अर्थात् मुर्ख के पांच लक्षण होते है घमण्ड, दुष्ट वार्तालाप, क्रोध, जिद्दी तर्क और अन्य लोगों का अनादर करना।

यह भी पढ़े-

पाठ-21

वर्तमान में संस्कृत भाषा के प्रति लोगों की रूचि धीरे-धीरे बढ़ रही है। आज हम संस्कृत भाषा सीखने हेतु 21सवाँ पाठ प्रारंभ कर रहे हैं जिसमें आज कृषि सम्बन्धि शब्द संस्कृत में जानेंगे। जिनका हम नित्य व्यवहार में प्रयोग कर सकते हैं। 

कृषि सम्बन्धि शब्द हिन्दी मेंकृषि सम्बन्धि शब्द संस्कृत में
अन्न की बालकणिशः
उपजाऊउर्वरा
ऊसरऊषरः
किसानकृषकः, कृषाणः, कृषीबलः
कोल्हूरसयन्त्रम्
क्यारीकेदारः
खलिहानखलम्
खादखाद्यम्
खुरपाक्षुरप्रः
खेतक्षेत्रम्, वप्रः, केदारः
खेतीकृषिः
खेती के औजारकृषियन्त्रम्
चक्कीघरट्टः
चाकूछुरिका, असिपुत्रम्
जुती हुई भूमिसीता
ट्रैक्टरखनियन्त्रम्
ढेलालोष्टम्
दराँती, हंसुवादात्रम्                         
पटेला, पटरा, महरालोष्टभेजनः
परालपलालः
परिहारीपरिहारी
पृथिवीपृथिवी, वसुधा, धरा
पैंना, चाबुक, कोड़ातोत्त्रम्
फावड़ा, कस्सीखनित्रम्, कुदालः
बीजबीजम्
बैलबलीवर्दः, वृषभः, वृषः
भूसाबुसम्, तृणम्
भूसीतुषः
मिट्टीमृत्तिका, मृद्
शस्यश्यामलशाद्वलः
हलहलम्, सीरम्, लाङ्गलम्
हल की फालफालः, फालम्
हलवाहाहलवाहः, हालिकः

यह भी पढ़े-

यह संस्कृत सीखने का 21सवाँ पाठ है। इसका अभ्यास अधिक से अधिक करें। जितना अधिक अभ्यास रहेगा उतने ही शीघ्र संस्कृत सीख सकेगें। 

यह भी पढ़े- 

यह भी पढ़े- 

संस्कृत सीखें पाठ-15 | सब्जियों और मसालों के नाम संस्कृत में

संस्कृत सीखें पाठ-18 | विद्यालय शिक्षा संबंधी शब्द संस्कृत में

। जयतु संस्कृतं जयतु भारतम् ।।

सौजन्य- sanskritduniya.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *