संस्कृत सीखेंसंस्कृत सीखें

व्ययहारिक वाक्य प्रयोग संस्कृत में :- संस्कृत भाषा हमारे देश का गौरव ही नहीं अपितु ज्ञान-विज्ञान की जननी भी है। यह भाषा विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा है। संस्कृत भाषा को पढ़ने, समझने और जानने की रुचि भारत में ही नहीं विदेशों में भी बढ़ रही है। भारत के साथ-साथ इंग्लैंड, जर्मनी, इटली इत्यादि बड़े-बड़े देशों में भी संस्कृत के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। आज के पाठ में हम व्यवहारिक शब्दों को संस्कृत में जानेंगे। संस्कृत में व्यवहारिक शब्द। यह भी पढ़े- संस्कृत सीखें पाठ-09 | संस्कृत में वस्त्रों के नाम 

पाठ 02

“भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा” 

संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत को देवों की भाषा भी कहा गया है अर्थात सबसे शुद्ध एवं प्रासंगिक भाषा के रूप में भारतीय समाज में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्धि प्राप्त है।

वर्तमान में संस्कृत भाषा के प्रति लोगों की रूचि धीरे-धीरे बढ़ रही है। आज हम संस्कृत भाषा सीखने हेतु दूसरा पाठ प्रारंभ कर रहे हैं जिसमें कुछ व्यवहारिक वाक्यों का प्रयोग किया जा रहा है। इन वाक्यों का हम नित्य व्यवहार में प्रयोग कर सरलता से संस्कृत बोल और लिख सकेगें। यह भी देखें- आइए हम भी संस्कृत सीखें |संस्कृत सीखें पाठ-01


आइए हम भी संस्कृत भाषा को सीखने का प्रयास करते हैं-

हिन्दी वाक्यसंस्कृत वाक्य
तुम किस कक्षा में पढ़ते हो?भवान् / भवती कस्यां कक्षायां पठति?
मैं पाँचवी कक्षा में पढ़ता हूँ।अहं पञ्चम-कक्षायां पठामि।
आप कहाँ के रहने वाले हैं?भवतः ग्रामः / भवान् कुत्रत्यः?
मैं बलाहर ग्राम का निवासी हूँ।अहं बलाहर ग्रामस्य निवासी अस्मि।
आप कहाँ से आ रहे हैं?कुतः आगच्छति?
घर से आ रहा रही हूँ।गृहतः आगच्छामि।
आप कहाँ जा रहे हैं ?कुत्र गच्छति ?
मन्दिर जा रहा हूँ।देवालयं गच्छामि।
जरा-सा/थोड़ा-बहुत।स्वल्पम्।
मैं नहीं जानता हूँ।अहं न जानामि।
क्यों नहीं होता हैं ?  किमर्थं न भवति ?
और क्या?अथ किम् ?
नहीं तो।  नैव खलु।
आइये पधारिये।  आगच्छतु।
बैठिये।  उपविशतु।

यह संस्कृत सीखने के प्रारम्भिक चरण का पाठ 02 है। इसका अभ्यास अधिक से अधिक करें। जितना अधिक अभ्यास रहेगा उतना शीघ्र संस्कृत सीख सकेगें।

।। जयतु संस्कृतं जयतु भारतम्।

सौजन्-sanskritduniya.com

यह भी पढ़े- संस्कृत सीखें पाठ-07 | संस्कृत में सर्वनाम शब्द

यह भी देखें- संस्कृत सीखें | पाठ- 02

यह भी पढ़े- संस्कृत सीखें पाठ-03

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