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फलों के नाम संस्कृत में :- संस्कृत भाषा हमारे देश का गौरव ही नहीं अपितु ज्ञान-विज्ञान की जननी भी है। यह भाषा विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा है। संस्कृत भाषा को पढ़ने, समझने और जानने की रुचि भारत में ही नहीं विदेशों में भी बढ़ रही है। 

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भारत के साथ-साथ इंग्लैंड, जर्मनी, इटली इत्यादि बड़े-बड़े देशों में भी संस्कृत के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। आज हम पाठ-19 में फलों के नाम संस्कृत में पढ़ेगें। इनका प्रयोग नित्य वाक् व्यवहार में करने से संस्कृत पढ़ने में सरलता आयेगी।

उपदेशात्मक संस्कृत श्लोक

काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च ।
अल्पाहारी गृहत्यागी विद्यार्थी पंच लक्षणम् ॥

अर्थात् विद्यार्थी में यह पांच लक्षण होने चाहिए- कौवे की तरह जानने की चेष्टा, बगुले की तरह ध्यान, कुत्ते की तरह नींद, अल्पाहारी (कम भोजन करने वाला), और गृह-त्यागी होना चाहिए।

पाठ-19

वर्तमान में संस्कृत भाषा के प्रति लोगों की रूचि धीरे-धीरे बढ़ रही है। आज हम संस्कृत भाषा सीखने हेतु नवदश पाठ प्रारंभ कर रहे हैं जिसमें आज फलों के नाम संस्कृत में जानेंगे। जिनका हम नित्य व्यवहार में प्रयोग कर सकते हैं। 

फलों के नाम हिन्दी से संस्कृत में
अंगूर- मृद्वीका, द्राक्षा
गूलर- उदुम्बरम्
अँगूर(बिदाना)- निर्बीजम्
चकोतरा- मधुकर्कटी, मधुजंबीरम्
अंजीर- अंजीरम्
चिरौंजी- प्रियालम्
अखरोट- अक्षोटम्
छुहारा- क्षुधाहरम्
अनार- दाडिमम्
जामुन- जम्बूफलम्, जम्बु
अनार(बिदाना )- निर्बीजम्
तरबूज- तारबूजम्, कालिन्दम्
अमचूर- आम्रचूर्णम्
नारंगी(संतरा)- नारंगम्
अमरूद- आम्रलम्
नारियल- नारिकेलम्
आँवड़ा(अमावट)- आम्रातकम्
पिस्ता- अंकोलम्
आडू- आद्रालुः
पीलू- पीलूफलम्
आम- आम्रम्
पोस्ता- पौष्टिकम्
आलूबुखारा- आलुकम्
फालसा- पुरुषः, पुंनागफलम्
ककड़ी- कर्कटिका
बड़हल- लकुचम्
कच्चा फल- शलाटुः
बादाम- वातादम्
कटहर- पनसः
बेल- बिल्वम्, श्रीफलम्
कत्था(कैत)- कपित्थम्
बेर- बदरीफलम्, कर्कन्धुः
कदम- कदम्बः, नीपफलम्
मकोय- स्वर्णक्षीरी
कमरख- कर्मरक्षम्
मखाना- मखान्तम्
करौंच- करमर्दकम्
मुनक्का- मधुरिका
कसेरू- कसेरूः
मुसम्मी- मातुलुंगः
नींबू- नीम्बूकम्, जम्बीरकम्
मेवा- शुष्कफलम्
काजू- काजवम्
लीची- लीचिका
काफल- श्रीपर्णिका
शरीफा- शिंशवृक्षफलम्, सीताफलम्
किशमिश- शुष्कद्राक्षा
शहतूत- तूतम्
खजूर- खर्जूरम्
सिंघाड़ा- शृंगाटकम्
खरबूजा- खर्बुजम् , दशाङ्गुलम्
सुपारी- पूगः, पूंगीफलम्
खिर्नी- क्षीरिका
सेव- सेवम्
खीरा- चर्भटिः, त्रपुषम्  
हर्र- हरीतकी
खुमानी- क्षुमानी  

यह संस्कृत सीखने का नवदश पाठ है। इसका अभ्यास अधिक से अधिक करें। जितना अधिक अभ्यास रहेगा उतने ही शीघ्र संस्कृत सीख सकेगें। यह भी पढ़े- संस्कृत सीखें पाठ-15 | सब्जियों और मसालों के नाम संस्कृत में

।। जयतु संस्कृतं जयतु भारतम् ।

सौजन्य- sanskritduniya.com

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2 thought on “संस्कृत सीखें पाठ-19 | फलों के नाम संस्कृत में | Learn Sanskrit Lesson-19 | Fruit names in sanskrit”
  1. गुरुदेव! वर्तनीदोषाः क्वचिद्यत्र तत्र दृश्यन्ते, तेषां समेषामपि परिष्कारस्स्यात्

    1. आपका धन्यवाद आत्मीय बन्धुवर, आप ऐसे ही हमेशा हमें पुनर्बलन देते रहिए तभी हम इसका प्रचार प्रसार ठीक से भी कर पाएंगे।

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