छठ पूजाछठ पूजा

छठ पूजा का प्रारंभ नहाए खाए के साथ 8 नवम्बर 2021 से | chath puja:- भारत जैसे प्राचीन संस्कृति के वाहक देश में अनेक पर्व एवं त्यौहार मनाए जाते हैं। इसीलिए भारत को त्योहारों एवं पर्वों का देश भी कहा जाता है। मानो कि यहां पर प्रतिदिन पर्व एवं त्योहार मनाए जाते हैं।

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सूर्य षष्ठी महापर्व

छठ पूजा का महापर्व आज से नहाए खाए के साथ प्रारंभ हो चुका है हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से नहाए खाए के साथ सूर्य षष्ठी तिथि तक यह महापर्व मनाया जाता है। इस महापर्व को नहाए खाए से ही सात्विक रूप में रहते हुए लोग मनाना शुरू करते हैं।

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इस दिन से सूर्य षष्ठी के निमित्त व्रत रखने वाले लोग तन और मन दोनों से शुद्ध होकर अर्थात स्नान आदि और मानसिक रूप से सात्विक होकर भोजन ग्रहण करते हैं। आइए आज इस लेख में छठ पूजा महापर्व के मुहूर्त और महत्त्व आदि के विषय में विस्तार पूर्वक जानेंगे।

हिंदू धर्म में सूर्य षष्ठी महापर्व सूर्य उपासना के रूप में मनाया जाता है । यह महापर्व हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि अर्थात 08 नवंबर 2021 को मनाया जा रहा है। यह महापर्व संपूर्ण भारत में ही नहीं अपितु भारतीय परंपराओं से ओतप्रोत अन्य देशों में भी मनाया जाता है।

भारत के विशेष राज्य में इसका विशेष आयोजन रहता है जैसे बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश आदि राज्य। यह पर्व वस्तुतः प्रकृति को ही समर्पित है प्रकृति यानी सूर्य देव। क्योंकि सूर्य से ही यह चराचर जगत गतिमान है। ऋग्वेद आदि ग्रंथों में भी सूर्य पूजा का बहुत विस्तृत वर्णन प्राप्त होता है। अतः यह हमारी वैदिक परंपरा का ही प्रतीक है।

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छठ पूजा महापर्व के अन्य नाम

इस महापर्व को विशेष रुप से तो लोग छठ पूजा के नाम से ही जानते हैं। परंतु इसके अन्य भी नाम है जो लोकाचार में प्रसिद्ध हैं। जैसे इस महापर्व को षष्ठी पूजा के नाम से भी जानते हैं। कहीं पर सूर्य व्रत पूजा, छठी प्रकृति माई की पूजा, छठ पर्व , डाला छठ, डाला पूजा एवं सूर्य षष्ठी पूजा ऐसे अनेक अनेक नामों से छठ पूजा महापर्व को भिन्न-भिन्न स्थानों पर लोग जानते हैं। परंतु इन सब का हेतु एक ही है सूर्य उपासना।

छठ पूजा महापर्व के शुभ मुहूर्त

नहाय खाय– 08 नमवम्बर, 2021 सोमवार

  • सूर्योदय 06 बजकर 40 मिनट
  • सूर्यास्त सांंय 05 बजकर 30 मिनट

खरना- 09 नवम्बर , 2021 मंगलवार

  • सूर्योदय 06 बजकर 40 मिनट
  • सूर्यास्त सांय 05 बजकर 30 मिनट

छठ पूजा- 10 नवंबर 2021, बुद्धवार

  • सांयकाल में डूबते सूर्य की पूजा अर्थात् संध्या अर्घ्य दिया जायेगा।
  • 10 नवंबर, 2021 को  (संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय- 5 बजकर 30 मिनट

उषा अर्घ्य- 11 नवम्बर, 2021, गुरुवार

  • उषा अर्घ्य अर्थात् सूर्योदय का समय- 06 बजकर 41 मिनट
  • 11 नवंबर, गुरुवार को सुबह उगते सूर्य की पूजा करके उषा अर्घ्य दिया जायेगा।  

छठ पूजा हेतु सामग्री

1. व्रत रखने वाले के साफ एवं स्वच्छ वस्त्र- साड़ी, धोती, कुर्ता-पजामा आदि।

2. बांस अथवा पीतल का सूप ।

3. बांस की बड़ी-बड़ी दो टोकरियां । पूजा महापर्व के प्रसाद के लिए।

4.  जल तथा दुध रखने के लिए ग्लास, एक लोटा और थाली।

5. पत्ते वाले 5 गन्ने, पूजा में प्रयोग के लिए ।

6. अदरक, मूली, और हल्दी का हरा पौधा पूजा के लिए।

7.  हरा नारियल पानी वाला पूजा के लिए।

8. केला, शरीफा, नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू (डाभ) पूजा के लिए।

9. चावल, सिंदूर, दीपक और धूप पूजा के लिए।

10. पान और साबुत सुपारी।

11. शकरकंदी तथा सुथनी।

12. मिठाई।

13. शहद।

14. चंदन, अगरबत्ती या धूप, कुमकुम तथा कपूर।

15. गेहूं और चावल का आटा तथा गुड़।

पूजा के लिए प्रसाद में ठेकुआ रूपी अवश्य बनाना चाहिए। यह गेहूं के आटे, गुड़ या चीनी से मिलाकर बनाया जाता है।

पूजा में साफ सफाई का विशेष महत्त्व रहता है जिसका पूर्ण ध्यान रखना चाहिए।

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