हमारे सौरमंडल में विचरण कर रहे नौ प्रमुख ग्रहों में सूर्य चंद्रमा मंगल बुध बृहस्पति शुक्र शनि राहु और केतु का मानव जीवन पर निरंतर प्रभाव पड़ता है। यह प्रभाव सभी मांगों पर मनुष्य पर अलग अलग रहता है। और यही प्रभाव हमारे भविष्य और भाग्य को निश्चित करते हैं ग्रहों की शुभ दृष्टि जहां मनुष्य को भाग्यशाली बनाती है। वहीं पर इनकी अशुभ दृष्टि या इनका अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन में उथल-पुथल मचा देती है।
नवग्रहों की शान्ति हेतु उपाय
व्यक्ति सफलता के लिए बहुत परिश्रम करता रहता है। परन्तु कई बार बहुत परिश्रम करने पर भी एच्छिक फल या सफलता नहीं मिल पाती है। इसका कारण ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की प्रतिकूलता मानी जाती है।
ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों की अनुकूलता हेतु, ग्रह शान्ति हेतु बहुत से अचूक उपाय बताए गए हैं। ग्रहों की कुदृष्टि से होने वाले अनिष्ट को समाप्त करने के लिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ उपाय इस लेख में प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
आशा करते हैं कि पाठक इन उपायों का उपयोग कर अपने जीवन को सफल बनाएंगे।
नवग्रहों की अशुभता नाशक उपाय
सुर्य-
- उगते सुर्य को अर्घ्य दें। जल में लाल कुम्कुम् अवश्य डालें। जल चढ़ातें समय उक्त मन्त्र का जाप करें- ‘‘ऊं घृणिं सुर्याय नमः।”
- ताम्बें की जीचों का दान करें। गेहूं और गुड़ का दान करें।
- गाय को गुड़ खिलायें।
- प्रतिदिन काम के लिए घर से निकलने पर छोटी-सी गुड़ की डली खाकर पानी पीयें और फिर घर से बाहर निकलें।
- तामसी पदार्थों का सेवन न करें।
चन्द्र-
- शिव उपासना तथा बुजुर्गों की सेवा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
- मां और दादी की सेवा करें।
- चावलों की खीर बनाकर कन्याओं को खिलायें तथा उनको चावल, सफेद मोती, चांदी का दान करें। स्वयं चांदी के आभूषण पहनें।
मंगल
- मीठी पूरीयां गाय को खिलायें।
- मछलियों को आटे की गोलीयां बना कर डालें।
- हनुमान जी की उपासना करें, लड्डुओं का भोग लगायें।
- हनुमान जी की मुर्ति घर में रखें। तथा प्रातः उठकर दर्शन करें।
- लोगों में पीली मीठाई का प्रसाद बांटें।
बुध-
- दुर्गा मां की उपासना तथा दुर्गा सप्तशती का प्रतिदिन पाठ करें।
- हरी वस्तुओं का दान करें।
- गाय को हरी घास खिलायें तथा सेवा करें।
गुरु-
- पूर्णमासी को सत्यनारायण की पूजा तथा व्रत रखें। मीठे केशरिया चावल बनवाकर खाएँ।
- सोना, गुड़, तथा चने का दान करें।
- केले के पौधे को जल चढ़ायें, तथा उसकी जड़ में शुद्ध घी का दीपक जलायें।
- स्वर्णाभूषण धारण करें।
- पीले चन्दन का तिलक लगायें।
शुक्र-
- घर में गाय पालें, गो सेवा करें, भोजन से पहले गो-ग्रास रखें।
- भैरव की उपासना करें।
- सफेद मोती, दूध, खीर का दान करें।
- सफेद मोगरे के फूलों का पौधा मकान में दाईं ओर के हिस्से में लगाएं।
शनि-
- तेल का दान करें।
- लोहे की अंगूठी मध्यमा उंगुली में धारण करें।
- नित्य गाय तथा बुजुर्गों की सेवा करें।
- काले रंग की वस्तुओं का दान करें।
- काले कुत्ते को रोटी खिलायें।
- काले घोड़े की नाल की अंगुठी बनवाकर पहनें।
- वोट की कील की अंगुठी बनवाकर पहनें।
राहु-
- सफेद वस्त्र दान करें तथा सरस्वती माँ की उपासना करें।
- सरसों का तेल एवं काले तिल दान करें।
- जौ के आटे की गोलीयाँ बना कर बहते पानी में प्रवाहित करें।
- कुत्ते को मीठी रोटीयां खिलायें।
केतु-
- गणेश जी की उपासना करें तथा चुहों को मिष्ठान खिलायें।
- सफेद-काले दोरंगी पत्थरों को घर में स्थापित करें।
- रात के वक्त कुत्ते को मीठी रोटी खिलायें।
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Amazing, carry on
बहुत ही उत्तम उपाय है जी