मांगलिक दोष शांति के धर्मशास्त्रोक्त 07 अचूक उपाय:- जन्मकुंडली में मांगलिक दोषों के परिहार कुंडली में हमें प्राप्त नहीं होते हैं। तब धर्मशास्त्र विदित उपाय एवं व्रत विधान आदि को करने से मांगलिक दोष के दुष्प्रभाव कम अथवा न के बराबर देखे गए हैं। सुखमय दाम्पत्य जीवन हेतु हमारे ज्योतिशास्त्र में मांगलिक दोष शान्ति के लिए कईं उपायोंं का वर्णन प्राप्त होता है। जिनका प्रयोग कर जातक अपने जीवन को सद्गति दे सकता है।
वस्तुतः यह उपाय अधिकतर उन लोगों के लिए भी लाभप्रद हैं जो प्रेम विवाह करते हैं परंतु जब उन्हें यह ज्ञात होता है कि उनका जीवन साथी मंगलीक है या वह स्वयं मंगलीक है तो मंगलीक व्यक्ति मंगल दोष शांति के लिए इन उपायों को करता है जो उनके निजी जीवन में लाभ प्रद हैं। यह भी पढ़े- मंगलदोष के परिहार एवं उपाय
मांगलिक दोष शांति के 07 अचूक उपाय
मांगलिक दोष शान्ति के अनेक प्राप्त विवरण जो ज्योतिर्विदों के द्वारा अनुभव एवं प्रमाणभूत हैं। ऐसे ही कुछेक उपाय व कुछ विवरण आपके समक्ष प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
- मंगलवार से शुरू कर भौमगायत्री मंत्र की प्रतिदिन ३ माला का जाप २२ दिन लगातार करने पर अंतिम मंगलवार को गुड़ की रेवड़ी, गुड़ का हलवा, बेसन की बर्फी, नारियल, और लाल वस्त्र धर्मस्थान में चढ़ाने से मंगलदोष का निवारण होता है।
- श्रावण मास में श्री मंगलागौरी का व्रत करने से मंगलचंडिका मंत्र एवं स्तोत्र का पाठ नियमित करने से मंगल जनित दोष और वैवाहिक सुख की बाधाएं दूर होती हैं।
- मांगलिक जातिका श्रावण मास से प्रारंभ कर सोमवार के 16 व्रत एवं प्रतिदिन पार्वती मंगल स्तोत्र का पाठ करे, जो मांगलिक दोष की शांति के लिए शुभ होता है।
- मंगलिक जातिका मंगलवार से प्रारंभ कर श्री सुंदरकांड के पाठ 108 दिन करने से।
नवरात्रों में मंगलवार से शुरू कर श्री दुर्गाकवच का प्रतिदिन पाठ। - मांगलिक कन्या को ‘श्रीअंगारकी गणेश चतुर्थी’ का व्रत और “ॐ गम् गणपतये नमः” मंत्र का कम से कम ३ माला जप और ॐ अंगारकाय गणपतये नमः मंत्र से श्री गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं।
- मांगलीक कन्या का शुभ मुहूर्त की श्री विष्णु प्रतिमा के साथ और मंगलीक वर का अर्क विवाह विवाहपूर्व करवाना शुभ होता है। यह भी पढ़े– जन्मकुण्डली से मांगलिक दोष विचार
आभार-
डॉ.महेन्द्र कुमार
प्राध्यापक, श्री सनातन धर्म संस्कृत कालेज चण्डीगढ़ 23B
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