कांगड़ा हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलकांगड़ा हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

कांगड़ा हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल | Famous Religious Tourist Places of Kangra Himachal Pradesh: कांगड़ा जिला  हिमाचल प्रदेश की  खूबसूरत घाटियों और देवभूमि के नाम से बहुचर्चित एवं लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में  जाना  जाता है। यह शहर कांगड़ा घाटी और धौलाधार पर्वत श्रृंखला में बसा है। कांगड़ा हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल में अनेक ऐतिहासिक धरोहर स्थान भी हैं। महाभारत काल के समय में ही कांगड़ा को त्रिगर्त की संज्ञा भी दी गई थी। जिला का मुख्यालय कांगड़ा ही है। जिला मुख्यालय के आस पास ही है बहुत सारे पर्यटन स्थल है। कांगड़ा घाटी में मुख्यत ब्यास नदी बहती है।

कांगड़ा का उल्लेख हमें महाभारत में और पवित्र हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलता है। यहां की हरी-भरी घाटी और ब्यास नदी की बहने के साथ कांगड़ा को और भी खूबसूरत बनाता है। यहां पर प्रमुख मंदिर जैसे बृजेश्वरी देवी चामुंडा देवी ज्वाला जी देवी बगलामुखी मंदिर व आप ट्रैकिंग, वाटरसपोर्टस और पैराग्लाइडिंग जैसे  साहसिक खेलों का भरपूर आनंद ले सकते हैं।

अगर आप कांगड़ा की यात्रा करना चाहते हो तो इस लेख में हम आपको कांगड़ा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाने का प्रयास करते हैं-

बज्रेश्वरी माता मन्दिर कागड़ा | Bajreshwari Mata Temple Kagara

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में बृजेश्वरी माता मंदिर भारत के 51  शक्तिपीठों में से एक  है। यह कांगड़ा जिला के  मुख्य मंदिरों में से एक है। प्रतिवर्ष यहां पर हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते रहते हैं। यहां के मंदिर पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षक व  प्रभावित करते हैं।

ब्रजेश्वरी माता मन्दिर
ब्रजेश्वरी माता मन्दिर

पौराणिक कथा के अनुसार मान्यता है कि जब देवी सती ने खुद को अपने पिता कि यज्ञ में बलिदान देना ठान लिया  तब भगवान शिव ने क्रोधित होकर तांडव किया और सृष्टि को बचाने के लिए   भगवान विष्णु ने देवी सती के शरीर को नष्ट किया और अपने चक्कर से देवी सती को 51 भागों में विभाजित कर दिया। देवी सती  के भाग भिन्न-भिन्न हिस्सों पर गिरे उनमें से एक बाया वक्षस्थल यहां पर गिरा तभी से ही यह शक्ति पीठ के रूप में जाना जाता है।

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चामुंडा देवी मन्दिर | Chamunda Devi Temple

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में प्रमुख मंदिरों में से एक चामुंडा देवी का मंदिर भी स्थित है। यह  पर्यटन  स्थल धर्मशाला से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चामुंडा देवी का मंदिर उस समय के राजा उमेद सिंह ने 1762 ईस्वी में बनवाया था। इस  मंदिर में काली माता की पूजा होती है। यह मंदिर काली माता को समर्पित है। चामुंडा देवी मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता हर किसी पर्यटक को अपनी तरफ आकर्षित व प्रभावित करती है। यहां पर पर्यटकों  के लिए एक पिकनिक सपाट भी बना हुआ है। जहां पर अक्सर लोग परिवार संघ सुकून भरा समय बिताते हैं। मान्यता है कि चंड मुंड नाम के दो असुरों का माता काली देवी ने नरसंहार किया था और इसी कारण मंदिर का नाम चामुंडा देवी पड़ा।

चामुण्डा माता मन्दिर
चामुण्डा माता मन्दिर

चामुंडा देवी मंदिर की यात्रा के लिए आप गग्गल एयरपोर्ट जो कि कांगड़ा में स्थित है। वहां से चामुंडा देवी की दूरी मात्र 28 किलोमीटर की रहती है। या फिर आप सड़क मार्ग से भी जा सकते है।

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ज्वालाजी मंदिर | Jwalaji Temple

भारत के कुल 51 शक्तिपीठों में से एक और प्रसिद्ध मंदिर ज्वाला जी है जो कांगड़ा जिले में स्थित है। यह मंदिर कांगड़ा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को स्थानीय लोग जोतावाली का मंदिर भी कहते हैं। मान्यता है कि यहां पर मां भगवती  की जीभ गिरी थी।

ज्वालाजी मन्दिर
ज्वालाजी मन्दिर

इस मंदिर में एक भी मूर्ति विराजमान नहीं है। यहां पृथ्वी के गर्भ  से निकल रही ज्वाला  को पूजा जाता है। और इसी  प्रकार इस  मंदिर का नाम ज्वाला जी मंदिर पड़ गया। यह मन्दिर कांगड़ा बस अड्डे से 36 कि.मी. उत्तर दिशा में स्थित है। गग्गल एयर पोर्ट से मन्दिर की दूरी 44 कि.मी है।

बगलामुखी मंदिर | Bagalamukhi Temple

बगलामुखी मंदिर कांगड़ा जिले का प्रसिद्ध शक्तिपीठ है यह मंदिर कांगड़ा जनपद के कोटला कस्बे में स्थित है। यह मंदिर प्राचीन कोटला किले के अंतर्गत आता है। इस मंदिर का उल्लेख महाभारत काल में भी मिलता है। बगलामुखी जयंती पर प्रतिवर्ष यहां पर  बहुत बड़े स्तर पर मेले का आयोजन भी किया जाता है।

बगलामुखी मन्दिर कांगड़ा
बगलामुखी मन्दिर कांगड़ा

यह मंदिर ज्वालामुखी से 20 किलोमीटर की दूरी पर  बनखंडी नाम की जगह में स्थित है। सबसे नजदीक गग्गल एयरपोर्ट है वहां से आप टैक्सी  करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं।भारत के कोने कोने से श्रद्धालु यहां पर आकर पूजा अर्चना व  हवन इत्यादि करके मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

बैजनाथ मंदिर | Baijnath Temple

बैजनाथ मंदिर भी हिमाचल प्रदेश का प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है। यह मंदिर बैजनाथ में बना नागर शैली का हिंदू मंदिर है। इस मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। प्रसिद्ध मंदिर में महाशिवरात्रि का आयोजन भी किया जाता है। यह मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

बैजनाथ मन्दिर कांगड़ा
बैजनाथ मन्दिर कांगड़ा

इस मंदिर का उल्लेख रामायण में मिलता है । मान्यता है कि जब रावण शिवलिंग को लंका ले जा रहा था तो देवघर के समीप उसे लघुशंका लगी थी। तभी वहां  से गुजर रहे भगवान विष्णु के अवतार में पंडित को देखकर रावण ने शिवलिंग उसको सौंपकर लघुशंका के लिए चल दिया ।  जब रावण वापस आया तो उसने देखा कि शिवलिंग को उस पंडित ने धरती पर रख दिया। मंदिर के चारों ओर सुंदर बगीचा भी है। मंदिर के समीप एक बिनवा खड्ड (छोटी नदी) बहती है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। बैजनाथ मन्दिर कांगड़ा शहर से लगभग 51 कि.मी. पर स्थित है।

मसरूर रॉक कट मंदिर | Masroor Rock Cut Temple

मसरूर रॉक कट मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में विश्व धरोहर सूची में शामिल मसरूर टाउन में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर 8वी शताब्दी में में बनाया गया था।

मसरूर राक कट टैम्पल कांगड़ा
मसरूर राक कट टैम्पल कांगड़ा

इसकी संरचना हिमालयन पिरामिड और इसके आगे बना पानी का तालाब  इसकी खूबसूरती  को और भी चार चांद  लगाता है। लगभग 15 बड़ी चट्टानों पर इसे बनाया गया है भिन्न-भिन्न राज्यों से  लोग अक्सर यहां पर आते रहते हैं।

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