दुर्गापूजा आश्विन शरद नवरात्रदुर्गापूजा आश्विन शरद नवरात्र

07 अक्टूबर से शुरू शरद नवरात्र। Sharad Navratri starting from 07 October :- देवी मां दुर्गा की पूजा-प्रसन्नता से हर मनोकामना पूर्ण होती है। इसीलिए नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा आराधना भक्तिभाव व श्रद्धा पूर्वक करें। 07 अक्टूबर 2021 से शुरू शरद नवरात्र मां दुर्गा को प्रश्न्न करने का बहुत उत्तम समय है। नवरात्रि में मां दूर्गा की भक्ति करता है उसके दुख और क्लेशों का निवारण हो जाता है। शास्त्रों में वर्णित है नवरात्रि में किए गए सात्विक उपाय शुभ फलदायी होते हैं। कुछ अचूक उपायों को करके भक्तजनों की मनोकामनायें अवश्य ही पूर्ण होती हैं।

शरद नवरात्र

07 अक्टूबर से शुरू शरद नवरात्र:- हर वर्ष पितृपक्ष के समाप्ति के अग्रिम दिवस से ही शारदीय नवरात्र शुरू हो जाते है, किन्तु इस बार पितृपक्ष के ठीक अगले दिन से अधिक मास शुरु होने के कारण नवरात्रि का पर्व एक मास के विलम्ब से शुरू हो रहा है।

हिंदू धर्म में नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरुपों की विशेष पूजा आराधना की जाती है।भारतीय विक्रम संवत 2078 के अनुसार शरद नवरात्रि 07 अक्तूबर 2021 से शुरू होने जा रहीं हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरुपों की विशेष पूजा आराधना की जाती है।

नवरात्रों में दुर्गापूजा करे कार्य सिद्धि

नवरात्रि में पूर्ण श्रद्धा भक्ति और दृढ़विश्वास पूर्वक कुछ अचूक उपाय करने से जीवन में सुखों का वास रहता है

  1. मां दुर्गा को शहद का भोग लगाने से भक्तों को सुन्दर स्वरुप, निर्मलव्यक्तित्व, दिव्य ओजस्विता प्राप्त होती है।
  2. प्रतिदिन माता को शहद और इत्र चढ़ायें। नौ दिन के बाद जो भी शहद और इत्र बच जाएं उसे उसे प्रतिदिन माता का स्मरण और ध्यान करते हुए स्वयं भी प्रयोग करें, माता की सदैव कृपा बनी रहेगी।
  3. माता की पूजा लाल रंग के कंबल के आसन पर बैठकर करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं।
  4. माता लक्ष्मी की स्थाई प्राप्ति के लिए नवरात्रि के दौरान पान में गुलाब की सात पंखुड़ियां रखकर मां दुर्गा को अर्पित करें।
  5. विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए अनारपुष्प अनार का फल और कमलपुष्प से माता का पूजन विशेष फलदायी होता है।

नवरात्रि में अभीष्ट कामना की पूर्णता हेतु मंत्र

दुर्गा पाठ के साथ-साथ कुछ ऐसे मंत्र हैं जिनका जाप कर हम विशेष फल प्राप्त कर सकते हैं। इनका वर्णन नीचे किया जा रहा है-

”सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते।।

ऊँ जयन्ती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।

सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धनधान्य सुतान्वित:।

मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय:।।

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

दुर्गापूजा समय:-

शरद नवरात्रि में मां दूर्गा की पूजा अर्चना करने का शास्त्रों के अनुसार शुभ मुहूर्त्त का विधान रहता है। जिसका वर्णन यहां किया जा रहा है।

07 अक्टूबर 2021, गुरुवार को घटस्थापना मुहूर्त प्रात: 06:17 से प्रात: 07:07 तक कर सकते हैं। वहीं घटस्थापना अभिजित मुहूर्त प्रात: 11:45 से दोपहर 12:32 तक बना हुआ है।

दुर्गापूजा महिमा:-

मान्यता है कि ब्रह्मा जी से वरदान पाकर महिषासुर नामक राक्षस अहंकार के मद से तीनों लोकों को भयक्रांत करने लगा। तत्पश्चात मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ और दसवें दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय के रूप में दुर्गापूजा पर्व मनाया जाता है। इसलिए इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के नाम से भी जाना जाता है।

दुर्गापूजा नवरात्रि पूजा नियम

कार्य की सफलता के लिए विधिविधान, पूर्णश्रद्धा व दृढ़विश्वास के साथ ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करते हुए दुर्गा पूजा करें।

साधक को चाहिए कि वह ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर पवित्र जल से स्नान कर पूजा स्थल की सफाई इत्यादि करने के उपरांत अपने आसन शुद्धि की क्रिया संपन्न करें उस शुद्ध आसन पर साधना के लिए बैठे साथ में शुद्ध जल पूजन सामग्री और श्री दुर्गा सप्तशती की पुस्तक रखें पुस्तको अपने सामने कास्ट आदि के शुद्ध आसन पर स्थापित करें अपने माथे पर अर्थात ललाट पर रूचि के अनुसार भस्म चंदन कुमकुम आदि का तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांधकर शिखा आदि बंधन कर पूर्वा विमुख होकर तत्व शुद्धि संकल्प आदि करते हुए दुर्गा पाठ प्रारंभ करें।

।। जय माता दी ।।

यह भी पढ़े- नवग्रहों की अशुभता नाशक उपाय 

यह भी पढ़े- पुराणों में वर्णित धर्म

One thought on “07 अक्टूबर से शुरू शरद नवरात्र। Sharad Navratri starting from 07 October”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *